[नमन भर से काम ना चली।पढ़ीं -जानीं -सोचीं सभे अपने पुरखन के बारे में] भोजपुरी कवि विचित्र जी ,मुँहदुब्बर जी आ मुखिया जी के इयाद करत ~~~~~~~~□□~~~~~~~~~~~~~ भोजपुरी के स्वनामधन्य कवि स्व.कुबेर मिश्र ‘विचित्र ‘ जी आ राघवशरण मिश्र ‘मुँहदुब्बर’ जी ओह बेरा भोजपुरी कवि- मंचन के जान-परान रहनीं।मुँहदुब्बर जी आ विचित्र जी ई दूनू जने जब एक मंच पर जुट जाईं तब फेर पूछहीं के का रहे! हमरा इयाद बा छपरा नगरपालिका मैदान में ‘तुलसी पर्व’ के आयोजन में हिन्दी के लब्धप्रतिष्ठ कवि आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री जी आ केदारनाथ…
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भोजपुरी कविता के राह में युवा कवि गुलरेज के ‘धाह’
भोजपुरी के युवा पीढ़ी के कविता में ताजगी त बड़ले बा बाकिर ओमें जवन उबाल आ आक्रोश के अभिव्यक्ति बा ओकरो में तल्खी ले जादे तथ्य आ समझदारी के प्रधानता बा।ई पीढ़ीअपना असंतोष,खीस आ नाराजगी के अपना संघर्ष,प्रतिरोध आ तर्कपूर्ण अभिव्यक्ति के जरिए मुखर करे के जानेले।गुलरेज शहजाद एह पीढ़ी के एगो महत्वपूर्ण हस्ताक्षर बाड़न। भोजपुरी कविता के दूनू रूप- प्रबंध आ मुक्तक काव्य में अपना प्रतिभा के लोहा मनवा देबेवाला कवि आज मौजूद बाड़ें।एह पीढ़ी में सुशांत कुमार शर्मा जइसन प्रबंध काव्य के रचयिता कवि अगर बाड़ें त अक्षय…
Read Moreभोजपुरी समीक्षा के बढ़त डेग
2021 के जून महीना भोजपुरी समीक्षा खातिर बढ़िया रहल।दूगो महत्वपूर्ण किताब सर्वभाषा ट्रस्ट, दिल्ली से छपल।प्रो.बलभद्र के एगो किताब -“भोजपुरी साहित्य :हाल फिलहाल”आ डा.ब्रज भूषण मिश्र के किताब -“भोजपुरी साहित्य :प्रगति आ परख”सामने आइल।एह दूनू किताबन से भोजपुरी के सृजनशीलता के पता चली।एकनीं में संकलित आलेखन में कवनो -न -कवनो एगो खास भोजपुरी रचना भा रचनाकार के वैशिष्ट्य आ रचनाशीलता पर विचार भइल बा। एकनी से कवनों समालोचनात्मक दृष्टिकोण भा विचार- स्थापना के क्रम में समग्र विश्लेषण के आस भा उमेद लगावल ना त उचित होई ना एह किताबन के…
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