एकबेरा फिर से सोच ल रामसिंगार, काहेकि तू हउअ बाबू साहब ..तोहार बेटा बैंक में पार्ट टाइम काम कर ना सकी .. ग्राहक लोग के चाह- पानी पियावे के पड़ी । अउर भी छोट-मोट काम कुल करेके पड़ी साहब लोग से डाँट भी सुनेके पड़ी । बाबू बिनोदवा ई कुल काम करी ओकरा गांव से बाहर लिया जाईं डहेण्डल बनल फिरता ..हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाए लगले रामसिंगार .. साहब के आगा । साहब के मन पसीज गईल, नया-नया बैंक में नौकरी भईल रहे . पार्ट टाइम ‘वाटर ब्वाय’ राखेके पावर मिलल…
Read More