बुढौती के दुख दर्द कहले मे का बा। येंहर बाटे खाई आ ओंहर कुआं बा। अइसन पतोहियन से पाला पड़ल बा कि भरपेट खइलहू के लाला पड़ल बा। हमन के कोठरिया करे के सफाई कहीं कुड़ा बा कहीं जाला पड़ल बा। बेटवा बहुरिया कूलर मे बा सूऽतल आपन ओसरवे खटाला पड़ल बा। बोल कुछ त बोले बा बुढवा सठिआइल न बोलऽ त कहीहं मुहें ताला पड़ल बा। दस रूपया बबुआ से मांगऽब त बोलीहं कमाई ना बाटे निठाला पड़ल बा। जगदीश खेतान