कवन ठगवा नगरिया लूटलस हो…

नगर निगम चुनाव प कुछ हमार निजी अनुभव, जरूरी नइखे कि रवुआ हमार बात से सहमत होखीं।आरा शहर प पिछिला कुछ दिन से नगर निगम चुनाव के खुमार चढ़ल बा. आज सांझी के 5 बजे जा के भोजपुरी-हिंदी के पैरोडी कानफाडू गीत आ डी जे के हल्ला बंद भईल. कबो शाहाबाद के मुख्यालय इ शहर अब खलिहा भोजपुर जिला के मुख्यालय रह गईल बा तबो आजुवो इ शाहाबाद क्षेत्र के केंद्र में बनल बा. इतिहास का बेर-बेर दोहरावल जाव तबो इतिहास में तनिकी सा झाँकल जरूरी बा. आरा शहर के इ नांव काहे परल एकर कई गो थ्योरी बा बाकिर हमरा देखे से इ कुल्ह थ्योरी के हम निजी रूप से सकारब. शहर के अधिष्ठात्री माई आरन देवी (आरण्य देवी) के नांव से सनातन संस्कृति के झलक मिलेला ओहिजे अरबी भाषा के ‘अर्राह’ शब्द से एकर जुड़ाव के अलग कहानी बा. डाक विभाग आ कुछ सरकारी विभागन में आजुओ अंग्रेजी में ARRAH लिखल जायेला. जैन संस्कृति में इ शहर आरामनगर के नांव से विख्यात बा त ओहिजे महात्मा बुद्ध के पहिलका गुरु अरद के भूमि भईला के वजह से एकर नांव आरा राखे वाला कहानी अलग बा. महर्षि अरद के विशाल डिस्प्ले स्टेशन प लागल बा (फोटो में). खैर, कारन जे होखे इ त साफ़ बा कि हर धरम हर संस्कृति के इ शहर जगह देले बा आ एह वजह से सांस्कृतिक आ ऐतिहासिक रूप से समृद्ध रहल बा.

अब लवटल जाव आरा नगर प त हम कतहूँ पढ़ले रहीं कि आरा बिहार के पहिलका मुनिसिपलिटी टाउन ह. नगर पालिका से नगर परिषद् फेर अब नगर निगम तक के सफ़र बहुते रोचक रहल बा. इ उ शहर ह जे बहुत पहिले से क्रांतिकारी आ सत्ता के सामन्ती प्रवृत्ति के बिरोधी रहल बा. १८५७ के गदर में त बात एतना ले चहुंप गईल कि पूरा शहर के बागी करार देवल गईल आ कचहरी में पहिलका बेर कवनो शहर के नांव पुकारल गईल “आरा शहर हाजिर हो”. एह शहर से शाहाबाद के मुख्यालय हटा के बक्सर भेजे के अँगरेज़ सरकार प्लान बना लेलस. बाद में शहर के ओह घरी के बुद्धिजीवी लोग चंदा करके अंग्रेजी हकुमत के भईल नुकसान के भरपाई कईले तब ममिला शांत भईल. एह शहर के पहिलका महिला नगरपालिका पार्षद सुमित्रा देवी बाद में बिहार के पहिलका महिला कैबिनेट मंत्री बनली. संजोग से सुमित्रा देवी के जन्मशती वर्ष चल रहल बा. महिला से याद आईल कि अबकियो शहर के मेयर आ डिप्टी मेयर के पद महिला खातिर आरक्षित बा आ अबकी के त मेयर आ डिप्टी मेयर के चुनाव सीधे जनता करी. पिछिलका लगातार कई साल से मुख्य पार्षद के पद प मेहरारुये लोग रहल बाड़ी. एहू बेर ओह में से कुछ लोग मेयर पद के दावेदार बा. दबा के प्रचार भईल. अईसन कि जईसन विधान आ लोकसभो में केहू ना देखले होखो. हाथी घोडा, डी जे-बैंड से ले के रंगीन पोस्टर तक के भरमार रहे. पोस्टर त एतना छितराईल बा कि देख के लागता कि सफाई आ स्वच्छता के दावा करे वाला प्रत्याशी लोग के चुनाव बाद सबसे पहिले बोला झाड़ू लगवावे के नेओता दिहल जाव. मोटा मोटी 80 प्रतिशत मेहरारू प्रत्याशी लोग के संगे उनकर मरद भा बेटा के फोटो लउकी. इ लोग के पहचान मरद लोग से बा तबे नु लोग मरदे के नांव ले के कहता कि फलनवा के का हाल बा, चिलनवा जीतिहें कि ना? शहर के हाल इ बा कि हमार चाहे रावुर घर के मेहरारू सदस्य लोग बाज़ार करे रोड प निकल जाव त पूरा निगम क्षेत्र में एगो सार्वजनिक शौचालय त दूर मूत्रालय तक नईखे. मरद त बेशर्म बेलुरा जात ह, कतहूँ पेड़ो तर खाड़ हो जायेला बाकिर तनिकी सोचीं कि आज ले दासा ना सुधरल त अब आगा उहे पुरान कुल्ह चेहरा से केतना उम्मीद?

अईसन ना कि हगे मूते के समस्या के जानकारी निगम के नईखे, अईसनो नईखे कि उपाय ना भईल. कई गो प्री फैब्रिकेटेड शौचालय लागल बाकिर दू दिन के कहो दुयीयो घंटा ना चलल काहे कि ना पानी के बेवस्था रहे ना आउर बेसिक सुबिधा के. हम शहर के दू जगह के अईसन शौचालय के फोटो लगवले बानी एक जगहा भईंस बन्हाला त दोसरा जगहा के दुरद्सा त देखे लायक बा. दिमाग प जोर डाले के जरूरत नईखे कि अईसन काहे भईल आ का का खेल भईल, एहू खातिर दिमाग प जोर डाले के जरूरत नईखे कि आज शहर धुर-धुवां आ गंदगी के शहर काहे बनल बा? जोर डालब त बीपी बढ़ जाई. रावुर बीपी बढ़े के चिंता केहू ना करी काहे कि शहर के प्रदूषण लेवल बतावे वाला aqi बढ़त जाता आ चिंता त खैर ओकरो केहू के नईखे। आधा घंटा बुनी पर जाव त शहर डल झील में बदल जायेला। शहर के सड़क के हालत प बात ना करब काहे से कि सड़क अब कूड़ा के डंप हाउस के काम कर रहल बा.

दावा सबके बा कि हई करब, अईसे करब एतना करब. जेतना पईसा चुनाव के परचार में बहल बा त इ जान लेब कि जे जेतना खर्च कईले बा उ ओतने तेज़ी से रिकवरियो करी. जात आ जमात त अब भारतीय राजनीति के अभिन्न अंग बन चुकल बा त इ चुनाव कईसे बांच जाई. कुछ ‘गिरोह’ जात आ जमात के बिनरी सेट करे के पूरा प्रयास कईले बा बाकिर हमरा उम्मीद बा कि अईसन सामन्ती, लूटेरा आ फूट डाले वाला लोग के शहर के जनता ठेंगा देखाई.

बाकिर, उम्मीद रखे के बा. भोट देवे के बा आ जरुर देवे के बा. चुनीं ओकरे के जे नया उर्जा से भरल बा, नया सोच रखले बा आ जे शहर के मत लुटे बलुक आपन बेवहार आ काम से जनता के दिल लूट लेवे. चुनी मेयर के ना कि मेयर पति के।

 

  • रवि प्रकाश सूरज

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