पितर पख में पुरबुज लो के अतमा के शांति खातिर पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान कइल जाला। पितर पख में तर्पण आ पिंडदान कइला से पुरबुज लो के असीस मिलेला। घर में सुख-शांति बनल रहेले। वैदिक परम्परा का हिसाब से हिन्दू धरम में ढेर रीति-रेवाज़, बरत, तेवहार मनावल जाला। हिन्दू धरम में जनम से लेके मिरतुक के बादो कई संस्कार मनावल जाला। जवना में अंतेष्टि के अंतिम संस्कार मानल जाला। बाक़िर अंतेष्टि का बादो कुछ कारज अइसन होखेलें जवना के संतान के करे के पड़ेला। पितर पख आ सराध ओकरे में…
Read MoreCategory: विविधा
भुकभुकवा के राग भैरवी
का जमाना आ गयो भाया, लोग-बाग बेगर सोचले-समझले कुछो नाँव राख़ लेत बा आ फेर अपढ़-कुपढ़ लेखा गल थेथरई करे में लाग जात बा।फेर त अइसन-अइसन विद्वान लोग जाम जात बाड़ें कि पुछीं मति। अरथ के अनरथ आ अनरथ के अरथ के घालमेल में असली बतिये बिला जात बिया। अबरी त साँचों में असली मकसदे बिला गइल। रोज नया-नया लोग आवत बाड़ें आ गाल बजा के, राग भैरवी कढ़ा के अपना-अपना खोली में ओलर जात बाड़ें। फेर त ढेर लोग चौपाल सजा-सजा के नून-मरिचा लगा-लगा के परोसे में जीव-जाँगर से…
Read Moreअंगार पड़ गइल
का जमाना आ गयो भाया,आजु कल त सभे के सेस में बिसेस बने के लहोक उठ रहल बा। भलही औकात धेलो भर के ना होखे। सुने में आवता कि एगो नई-नई कवयित्री उपरियाइल बानी आ कुछ लोग का हिसाब से उ ढेर नामचीन हो गइल बानी । मुँह पर लेवरन पोत के मुसुकी मारल उहाँ के सोभाव में बाटे। कुछ लोग त उनुका एगो अउर सोभाव बतावेला। कबों रेघरिया के त कबों लोर ढरका के, कबों जात-धरम के पासा फेंक के एगो-दू गो कार्यक्रम में अतिथिओ बनि के जाये लगल…
Read Moreकवन ठगवा नगरिया लूटलस हो…
नगर निगम चुनाव प कुछ हमार निजी अनुभव, जरूरी नइखे कि रवुआ हमार बात से सहमत होखीं।आरा शहर प पिछिला कुछ दिन से नगर निगम चुनाव के खुमार चढ़ल बा. आज सांझी के 5 बजे जा के भोजपुरी-हिंदी के पैरोडी कानफाडू गीत आ डी जे के हल्ला बंद भईल. कबो शाहाबाद के मुख्यालय इ शहर अब खलिहा भोजपुर जिला के मुख्यालय रह गईल बा तबो आजुवो इ शाहाबाद क्षेत्र के केंद्र में बनल बा. इतिहास का बेर-बेर दोहरावल जाव तबो इतिहास में तनिकी सा झाँकल जरूरी बा. आरा शहर के…
Read Moreभोजपुरी त पहेली बा
साँचो में रउआ सुन के भक फाट जाई। भोजपुरी एगो पहेली बन गइल बा ।नइहरे में बेआबरू भइल बेटी जइसन हाल एह घरी भोजपुरी साहित्य आ साहित्यकार लोगन के बा ।साहित्यकार कइगो मोटकी-मोटकी किताबन में माथा खापावेलन आ रात-दिन एक करके कलम-कागज के साथ मगजमारी (माथापची )करेलन तब जाके एगो रचना तइयार होला ।रचना एकजुट करेलन आ माल-पताई के जोगाड़ करके भोजपुरी साहित्य बनावेलन। ई भोजपुरी साहित्य के परेमवे नु बा । बाकी हद त तब होला कि सउसे छपल साहित्य भेट दे के सधावे के परेला। सउसे मेहनत फोकटे…
Read Moreवेलेंटाइन
उठ ना अब ले सुतल बाड़ू। जाड़ा पाला में का तंग कइले बानी ।बेर बिहान होखे ना दीं। सुरसतिया के माई जल्दी उठ आज हमार वेलेंटाइन ना बनबूं। रउवो आपन उमीर ना देखीं ।एह उमर में कबो रेखा तो कबो हेमा मालिनी के शौख जाग जाता।ई वेलेंटाइन कवन भूतनी के नाम ह ? कवनो नया हिरोइन पर नजर पड़ल ह का ?काल सुरसतियो कह तहे कि माई काल एक सौ रूपिया दिहे वेलेंटाइन दिन ह। आज कल के लइकन कहियो माई दिवस, कहियो बाप दिवस मनावते बाड़न सं बाकिर एह…
Read Moreअनन्त
*युगम- युगम अमर अनन्त रहे* *उ परेम रस भाखा भोजपुरी होखे* ई सोच, ई फिकीर हमरा अंदर काहे । कवना फायेदा खातिर। कवन लालच घेरले बा, समझ मे नइखे आवत।ई हमरा समझ से परे काहे बा।खुलल आसमान होखे। बदरी भा टटहात घाम होखे। दिन होखे चाहे रात होखे। हमेसा मन में चलत एकही बात बा। *जेपे करी तन, मन, धन बलिदान* *उ अनन्त मये भोजपुरी होखे* अइसन अनेको सवाल हमरा के चैन से बइठे नइखे देत।शुकुन के निन सुते नइखे देत। का हम निशा में रहत बानी।भा लोग जवन कहत…
Read More