पितर पख आ सराध

पितर पख में पुरबुज लो के अतमा के शांति खातिर पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान कइल जाला। पितर पख में तर्पण आ पिंडदान कइला से पुरबुज लो के असीस मिलेला।  घर में सुख-शांति बनल रहेले। वैदिक परम्परा का हिसाब से हिन्दू धरम में ढेर रीति-रेवाज़, बरत, तेवहार मनावल जाला। हिन्दू धरम में जनम से लेके मिरतुक के बादो कई संस्कार मनावल जाला। जवना में अंतेष्टि के अंतिम संस्कार मानल जाला। बाक़िर अंतेष्टि का बादो कुछ कारज अइसन होखेलें जवना के संतान के करे के पड़ेला। पितर पख आ सराध ओकरे में…

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