डूबि गइलें सजना सखी रे, कजरारे नैना के तीरे। नैना के तीरे हो, नैना के तीरे। डूबि गइलें सजना सखी रे, कजरारे नैना के तीरे। अँकुरल मन में प्रीत क बिरवा, बेर बेर हियरा के चीरे। कजरारे नैना के तीरे। तलफत जियरा पिय के खातिर , पीर बढ़ावत धीरे-धीरे। कजरारे नैना के तीरे। विरह में माति बनल बउराहिन अब मन लागत ना कहीं रे । कजरारे नैना के तीरे। पपिहा बनि पिउ के गोहराऊँ उहो जेपी क मीत नहीं रे। कजरारे नैना के तीरे। डूबि…
Read MoreCategory: भोजपुरी गीत
जरावऽ दियना
होई सगरो अंजोर हंसी घरे- घरे भोर कि जरावऽ दियना, भारत माता के मंदिरवा जरावऽ दियना । एगो दिया धर ऽअंगना में एगो दिया दलानी एक दिया घर के पिछवारे भुइंया परल पलानी नाहीं गोसयां गोहार ,नाहीं सूझे उजियार कि जरावऽ दियना, जहां जिनगी अन्हरवां जरावऽ दियना । एगो दीया गंग- जमुन के जेकर निर्मल पानी भरल परल जेकरा अंचरा में अनगिन अमर कहानी लेके असरा उजास पोंछे सब कर पियास की जरावऽ दियना, चलऽ ओही जलधरवा जरावऽ दियना । एक दिया ओ महतारी के जे शहीद जन्मावे बलिवेदी पर…
Read Moreझंखे साँच
झंखे साँच झूठ क जयकारा हौ बाबू हई देखा आइल हरकारा हौ बाबू । मंच क पंच तक कारोबार फनले बा कीमत असूले ला रउबार ठनले बा । गीत चोरन क चढ़ गइल पारा हौ बाबू । झंखे साँच— पीढ़ा पर बइठ के सबका के कोसल टुटली कमरिया संगे धरि धरि पोसल कबों छूटी ना मजगर चारा हौ बाबू। झंखे साँच— भावेला उनुका त पतुरिया के संगत मुँह बेगर दाँत क चउचक बाटे रंगत पानी घाट घाट के त खारा हौ बाबू। झंखे साँच— गुरुजी आ…
Read Moreमैना
कबले रहबू परल अलोंता बेर भइल अब छोड़ऽ खोंता सोझां तोहरा आसमान बा देखऽ आंखि उघारऽ मैना अब त पांखि पसारऽ मैना ! कबों सांझि कबहूं दुपहरिया कबों राति डेरवावे अचके खरकि जाय पतई त सुतबित सांस न आवे बहुत दिना अन्हियारा जियलू ना जाने केतना दुख सहलू सूरुज ठाढ़ दुवारे तोहरा बढ़िके नजर उतारऽ मैना ! केहू भोरावे दाना देके केहू जाल बिछावे केहू पांव में मुनरी डाले बेड़ी केहू लगावे पिंजरा के तूं नियति न मानऽ अबहूं अपना के पहिचानऽ गरे परल सोने क हंसुली ओके तोरि निकारऽ…
Read Moreसजि गइल सगरो दोकान
सजि गइल सगरो दोकान, चुनाव नगिचाइल बा। लउकsता निमने समान, चुनाव नगिचाइल बा। केहू बेचे सस्ता आ केहू देता घालू, केहू कहे दोसरा के सिरमिट में बालू, केहू के बिकाता खनदान, चुनाव नगिचाइल बा। केहू बेचे लसगर, केहू बेचे मयगर, केहू बेचे तरिगर, केहू बेचे जदुगर, केहू बेचे धरम-इमान, चुनाव नगिचाइल बा। केहू पासे धनबल, केहू पासे जनबल, केहू डेरवावे, केहू बोलsताटे अलबल, केहू बाटे बकता सेयान, चुनाव नगिचाइल बा। दलदल छोट-बड़ तोड़-जोड़ मेल बा, नीति ना नीयते बा, बड़-बड़ खेल बा, अपने से अपने महान,…
Read Moreकरिखा पोतइलें
कुरसी के महूरत न भेंटइलें हो रामा, करिखा पोतइलें। तब नाही बुझनी माई मोर बतिया कुरसी पठवनी दोसरा के सेतिहा बनलो भाग आगी जरी गइलें हो रामा, करिखा पोतइलें। बोलिला दूसर बोला जाला दूसर सभही कहेला अब घूमी ना मूसर भदरा मोरे भागे घहरइलें हो रामा, करिखा पोतइलें। सभका हुलासे दुअरो अगराइल हमरा एकहू न लगन भेंटाइल लोकतंतर के डंका पिटइलें हो रामा, करिखा पोतइलें। जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
Read Moreफागुन फाग मचावै
ओढ़ि बसंती चुनरिया गुजरिया फागुन फाग मचावै। गम गम गमके नगरिया गुजरिया फागुन फाग मचावै। ओढ़ि —– फिकिर कहाँ फागुनी रंग के बनल बनावल अंग अंग के देखत झूमत डगरिया गुजरिया फागुन फाग मचावै। ओढ़ि —– चढ़ल खुमार इहाँ अनंग के दरस परस आ साथ संग के मातल बहलीं बयरिया गुजरिया फागुन फाग मचावै। ओढ़ि —– सहज सुनावत सभ ढंग के होरी में कब भइल तंग के बहके लागल नजरिया गुजरिया फागुन फाग मचावै। ओढ़ि —– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
Read Moreमतदान त अधिकार हउवे
भइया जगला के हवे दरकार मतदान त अधिकार हउवै॥2॥ अफवाहन के दूर हटा के आपन बुद्दि विवेक जगा के तहरा वोटS बनाई सरकार , मतदान त अधिकार हउवै॥ 2॥ भइया… छोड़ के सगरे काम चलS के लोकतंत्र के धाम चलS के जइते होखी परब गुलजार, मतदान त अधिकार हउवै॥ 2॥ भइया… हित-मीत सबसे बतिया के आस-पड़ोस सभै गोलिया के देखिहा वोटवा न हो बैपार, मतदान त अधिकार हउवै॥ 2॥ भइया… जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
Read Moreराम मेरे
अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में। राम मेरे गलियन में, हो राम मेरे गलियन में।। अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में।। बरीस पाँच सौ बीतल बहरा उहवाँ रहल दुसमन के पहरा अब नइखे कुछो गुमनाम, राम मेरे गलियन में। अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में।। आपन घर अपनन के रगरा बेगर बात में फानल झगरा भइल ओकरो काम-तमाम, राम मेरे गलियन में। अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में।। छंटल तम भइल उजियारा अजोधिया जी अब…
Read Moreगीत
सजि रहे तोरण द्वार, राम मोरे आई रहे आई रहे , मुसकाई रहे, कि सजि रहे तोरण द्वार, राम मोरे आई रहे। कटल तम के अन्हियारी रतिया सभके हिय उनही के बतिया। दुअरे लागल कतार, राम मोरे आई रहे। कि सजि रहे तोरण द्वार, राम मोरे आई रहे। ई बनवास कई सदियन के बा इतिहास नेकी बदियन के। अब गावहुँ मंगलचार राम मोरे आई रहे। कि सजि रहे तोरण द्वार, राम मोरे आई रहे। दियरी जराई साजो दुअरिया मह मह महकत सगरी कियरिया। चहुंदिसि जय -जयकार, राम…
Read More