बुझीं जनि ठिठोली

कउवो से करकस कोइलिया के बोली बुझीं जनि ठिठोली,इहे हियरा टटोली।   बकुला भगत संगे हुंडरो बा आइल देखीं भला आजे बिलरो धधाइल बघवो त मनवाँ के राज आज खोली। बुझीं जनि ठिठोली,इहे हियरा—   रात दिन होत बात बाS अझुरउवा उपरा त अउर भीतर बाउर भउवा भरलको पुरलको फइलउले बा झोली । बुझीं जनि ठिठोली,इहे हियरा—   बुझलें न अबले, जोड़त हाथ दुअरे लागत बा आइल चुनउवा ह नियरे भरमावे भर दिन चार चार गो टोली । बुझीं जनि ठिठोली,इहे हियरा—   जयशंकर प्रसाद द्विवेदी 09-10-2025

Read More

टूटल क्रम के जोड़े के कवायद : स्मृति कवि सम्मेलन सम्पन्न भइल

विश्व भोजपुरी सम्मेलन गाजियाबाद इकाई के द्वारा आयोजित ‘ स्मृति कवि सम्मेलन आ सम्मान समारोह’ अध्यक्ष मनोज तिवारी आ संयोजक महासचिव जे पी द्विवेदी क परयास सफलता का संगे धरती पर उतरल। कार्यक्रम कई गणमान्य लोगन के सम्मानित काइल गइल। स्मृति कवि सम्मेलन  में कुल 11 गो कवि लोग शिरकत कइलें। कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्व भोजपुरी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत दुबे जी आ मुख्य अतिथि  श्रीमती मनु लक्ष्मी मिश्रा  रहलें । कार्यक्रम दू सत्र में रहे । पहिलका सत्र के संचालन इकाई अध्यक्ष मनोज तिवारी जी आ दोसरका सत्र…

Read More

भोजपुरी के लाल – लाल बिहारी लाल

सोनू गुप्ता। नई दिल्ली। भोजपुरी के माटी बिहार के सारण(छपरा)जिला के गांव आ पोस्ट भाथा सोनहो में 10  अक्टूबर,1974 के एगो साधारण शिक्षक परिवार में लाल बिहारी गुप्ता “लाल” के जन्म भइल। श्री  लाल की सुरुआती शिक्षा-दीक्षा गांव के लगही प्राथमिक आ माध्यमिक विद्यालय में भइल। शिक्षा के बाद श्री लाल नौकरी  के तलाश में दिल्ली अइले आ 1995 में भारत सरकार के पर्यावरण आ वन मंत्रालय में नौकरी लाग गईल। श्री लाल नोकरी में पद्दोन्नति के बाद साल 2007 से वाणिज्य आ उद्योग मंत्रालय,नई दिल्ली के औद्योगिक  नीति आ संवर्धन विभाग में कार्यरत बानी। श्री लाल  के शुरु से ही साहित्य में…

Read More

गीतकार डाॅ.गोरख प्रसाद मस्ताना आ उनकर गीत-कविता संग्रह-‘आस- अँजोर’

पटना दूरदर्शन में एही साल 26 जनवरी के बिहान भइला एगो भोजपुरी कवि-गोष्ठी के रिकार्डिंग रहे। हम तनिका लेट पहुँचल रहनीं ।पहिले से पता ना रहे कि आउर संगी कवि सभे में के-के बा बाकिर मिजाजे हरिअरा गइल जब देखनीं कि स्टेज पर चढ़े के बेरा दू गो नामी भोजपुरी गीतकार अग्रज -डाॅ.गोरख प्रसाद मस्ताना आ कुमार विरल जी साथे बानीं।ओह गोष्ठी के संचालक रहनीं वरिष्ठ कवि भगवती प्रसाद द्विवेदी जी।भोजपुरी में जादेतर मुक्त छंद के समकालीन भाव-बोध से जुड़ल कविते लिखल हम चाहीले बाकिर दू गो गीतकारन के साथे हमहूँ…

Read More

‘हो ना हो ‘ के कविता

जहाँ जीवन में चारू ओर अझुरहट आ तनावे होखे,मनई-मन में अकुलहट आ उबियाहटे भरल होखे ,उतावलापन, उबाल आ बेचैनिये समाइल होखे तब अइसनका समय में कविता में संघर्ष आ प्रतिरोध के स्वर स्वाभाविक बा।कविता मानव-मन के भावन के उच्छ्वास आ ओकरा माथा में उमड़त-घुमड़त सोच आ विचारने के कलात्मक अभिव्यक्ति होले।इहे कारन बा कि आज हर भाषा के कवितन में मौजूदा समय आ समाज के विसंगतियन, विद्रूपता आ चुनौतियन के बहुत मुखर वर्णन देखे के मिलत बा।लोकभाषा भोजपुरियो एकर अपवाद नइखे।देश,समय आ समाज के साथे डेग में डेग मिलावत चलेवाला…

Read More

राजधानी दिल्ली में “रंग रसिया महोत्सव 2025” के आयोजन भइल

देश के राजधानी दिल्ली में स्वर कोकिला पद्मविभूषण शारदा सिन्हा जी के श्रद्धांजलि स्वरूप एक मनमोहक कार्यक्रम “रंग रसिया महोत्सव 2025” के आयोजन भइल। एह कार्यक्रम के संचालन माँ सरस्वती नृत्य भारती कलापीठ क संचालिका आ लोक गायिका विजय लक्ष्मी उपाध्याय कइनी। कार्यक्रम के भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष आ मैथिली भोजपुरी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष श्री अजीत दुबे जी संबोधित कइलें। उहाँ भइल सगरे प्रदर्शन अद्भुत रूप से मनोरम रहल, बाक़िर कुछ विशेष प्रदर्शन अइसन रहल जवन दर्शक लोगन के  ‘वाह’ कहे पर मजबूर कर दीहलस, अपने माई के…

Read More

भोजपुरी जन जागरण अभियान के 25वां धरना सम्पन्न भइल

3 अगस्त |  भोजपुरी भाषा के संविधान के आठवीं  अनुसूची में सामिल करावे ला ,पछिला 10 बरिस भोजपुरी जन जागरण अभियान अपना एह मांग के लेके जंतर मंतर पर धरना देत आ रहल बा। असवों 3 अगस्त के भोजपुरी जन जागरण अभियान  के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष पटेल के नेतृत्व में धरना आहूत रहल । जवना में देस के कोने कोने से आइल करीब 200 से बेसी भोजपुरी प्रेमी आ  साहित्यकार लोग शिरकत कइलस। भोजपुरी जन जागरण अभियान  के ई 25वाँ  धरना रहल ।

Read More

स्त्री संवेदना के धारदार कृति:निमिया रे करुआइनि

पुस्तक- निमिया रे करुआइनि विधा-उपन्यास / उपन्यासकार – मीनाधर पाठक प्रकाशन वर्ष-2024 /प्रकाशन संस्थान – सर्वभाषा प्रकाशन , नई दिल्ली -59   ‘निमिया रे करुआइनि’ स्त्री संवेदना के उनुका मन के मोताबिक आ उनुका स्थिति का हिसाब से गढ़ाइल बा। कथाकार अपना कथा-विन्यास के स्मृतियन से जोड़त रोचक बनावे में कवनों कोर कसर नइखे छोड़ले। एह उपन्यास के नायिका सुरसतिया (सुरसती) के करुणा आ दुःख भरल जिनगी के जतरा जवन मन,मेहनत आ देह के शोषण से होके गुजरल बा , ओकर नीमन से शब्द चित्र खिंचाइल बा। एही उपन्यास के…

Read More

भोजपुरी कविता में रचल – बसल रस के मिठास से सराबोर एगो मजिगर पोथी

भोजपुरी कविता के इतिहास बहुत पुरान बा। बाबा गोरखनाथ आ संत कबीर के कवित के थाती त भोजपुरी कविता में बड़ले बा साथे ओह काल से लेके आजु तक भोजपुरी कविता समय के साथ कदम ताल करत कविता के हर विधा में आपन जोड़दार उपस्थिति दर्ज कइले बा। महेंद्र मिश्र, भिखारी ठाकुर, रघुवीर नारायण सिंह, प्राचार्य मंनोरंजन, महेंद्र शास्त्री से होत आजु तक के भोजपुरी कविता के यात्रा अपना भीतर बहुत कुछ समेटले बा जेकरा पर हमनीं भोजपुरिया के गुमान बा। भोजपुरी काव्य में का नइखे? राष्ट्र गीत, सिंगार गीत,…

Read More

विश्व भोजपुरी सम्मेलन गाजियाबाद इकाई का ओर से पुष्पांजलि अर्पित !

विश्व भोजपुरी सम्मेलन गाजियाबाद इकाई का ओर से आज 20जुलाई के संस्था के अंतरराष्ट्रीय महासचिव डॉ अरुणेश नीरन जी के पुष्पांजलि अर्पित कईल गइल ।बतावत चलीं कि डॉ नीरन जी 15 जुलाई के शिव लोक गमन क गइलन ।उनके व्यक्तित्व आ कृतित्व पर इकाई के महासचिव जे पी द्विवेदी विस्तार से प्रकाश डललेंं। इकाई अध्यक्ष मनोज तिवारी जी उहां के भोजपुरी खातिर कईल योगदान के कबों ना भूले जोग बतावत उनके राह चले के सभी के प्रेरित कइले।

Read More