बदल रहल सामाजिक मूल्यन के बीच बेकतीगत महत्वाकांक्षा खातिर संघर्ष के आईना:”जुगेसर”

‘जुगेसर’ जइसन कि उपन्यास के नाम बा,युग+ईश्वर =योगेश्वर के आम बोलचाल में भोजपुरी के सब्द के अर्थ स्पष्ट कर रहल बा यानी युगेश्वर ‘जुगेसर’ के रूप में भोजपुरी में स्वीकृत आ प्रयुक्त सब्द बा। ई कहे में हमरा इचको ना संकोच हो रहल बाटे कि उपन्यासकार श्री हरेंद्र कुमार ‘जुगेसर ‘सब्द के चुनाव कर के कहीं-न-कहीं समाज में आगे चलेवाला जुग प्रवर्तक के रूप में बदल रहल जनजीवन आउर सोच-विचार के सामाजिक परिप्रेक्ष्य में उदाहरण के रूप में धरातल पर ले आ के रखे के अक्षुण्ण प्रयास बा।एह नाम से…

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