आगि लागल बा मन में बोताईं कहां,
सुतल हियरा के फेरु से जगाईं कहां।
कुछ कहला प छन दे छनकि जाले उ,
सांच बतिया के लोरी गवाईं कहां।
उ पवले का पद भूलि जा तारे हद,
अइसन दरद प मल्हम लगाईं कहां।
देवे के उपदेश उन्हुका आदत परल,
हिम्मत रउवे बताईं कि पाईं कहां।
देखीं जेकरा के फफकल उताने भइल,
भाव के भरल ई खटिया बिछाईं कहां।
करी कतनो हम आस मिले केहु ना खास,
दिल में उगल अंजोरिया देखाईं कहां।
पवनी जेकरा के ले उहे लुआठी चलल,
उन्हुका खोरना से जरल बचाईं कहां।
जाने दुनिया में गरिमा गरम काहे बा,
राय के भुभुरी के अंचिया सेराई कहां।
- देवेन्द्र कुमार राय,
ग्राम+पो०-जमुआँव,
थाना-पीरो,जिला-भोजपुर,
बिहार,पिन-802159