प्यार के भूखल

दुनियाँ के चहलो-पहल में

लोग प्यार के भूखल रहेला

प्रेम के ईयाद करावेला

गर्मी में पेड़न के छाँव,

जाड़ा में कम्बल,

बरखा के झींसी-बूनी

अउर समय बीतलो पर

नदी के बहाव के नियन

घेरत प्यार के सुखद ईयाद।

ओही प्रेम के इयाद करावेला

माई के गोदी में सूतला के भूख

अचके भेंटल बाबूजी के डांट

अउर गुरुजी के दिहल शिक्षा

बेर बेर प्यार भरल शब्द

जिनगी के मधुबन में

रंगीन फूल खिला जालें

मानवता के खातिर उनुका प्यार के

ईयाद करा जालें।

 

  • संतोष कुमार महतो

हिन्दी सेवी विश्वनाथ चारियाली,

विश्वनाथ (असम)

मोबाइल नंबर: 9365096508

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