माई

पेट जारि के जिअवलू आपन बखरा खिअवलू ,
करनी अइसन कइलू कभों बिसराई ना केहू
माई तोर करजा भरि पाई ना केहू ।
बहुते बेमार परीं हमहूँ नन्हईयाँ
जोहलू न केहुके उठवलू कन्हईयाँ
कोसनऽ ले जाई जा के लेहलू दवाई
गुन गवला से कतनो अघाई ना केहू
माई तोर करजा–
जड़वे त कोरवे में साटि लुकववलू
भेवनी बिछवना ओहू के झुरववलू
किरिया धरावे केहू ठोनहक मारे
दुख सहलू जवन ऊ भुलाई ना केहू
माई तोर करजा–
झोंझरी में भूँजा दे के पढ़े के पठवलू
रार ना मचाईं कतों किरिया धरवलू
करीं तहरो से चोरी माटी खाँईं थोरी थोरी
सबके मना करीं घरवाँ बताई ना केहू
माई तोर करजा–
गोरखा के मरनी त मारे के धिरउलस
दुधिया दुअइती से रधवा गिरउलस
सुनऽ ओरहन हजार तबो तहके पियार
तवन सुख खोई काँहें पछिताई ना केहू
माई तोर करजा–
मेहरी के लेसले जो कभों रिसिअइनी
तबहू ना मन में किरोध किछु कइनी
आईं कतहूँ से घरे दाना पानी लगे धरें
कहें लरिका के हमरे सताई का केहू
माई तोर करजा–
मुअते के घरी मोके दसन हाँक लौलीं
रहनी बिछवने पर पहुँचि ना पौली
सैकड़न हुँकारी भरऽ ख़ुझिया नवारी
कइलू जतना खुशामद ऊ पुराई ना केहू
माई तोर करजा भरि पाई ना केहू

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