चुनरिया ए बालम

तिकवेले भरि भरि नजरिया ए बालम

रंगब रउरे रंग मे चुनरिया ए बालम ॥

 

तोपले तोपाई न, लक़दक़ सेहरा

करबे निबाह जब लागल इ लहरा

निकलब जब तोहरी डहरिया ए बालम ॥

रंगब रउरे रंग मे चुनरिया ए बालम ॥

 

करके  करेज सभ उजरल महलिया

सून कई गउवाँ के साँकर गलिया

चलि अइली तोहरी दुवरिया ए बालम ॥

रंगब रउरे रंग मे चुनरिया ए बालम ॥

 

खनका के कँगना उड़ी जाई सुगना

अचके पसर जाई , लोर भरि अँगना

बिछी जब ललकी सेजरिया ए बालम ॥

रंगब रउरे रंग मे चुनरिया ए बालम ॥

 

  • जयशंकर प्रसाद द्विवेदी 

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