डॉ. बलभद्र: साहित्य के प्रवीन अध्येता

डॉ. बलभद्र के, अबतक भोजपुरी में लिखल कुछ महत्वपूर्ण आलोचनात्मक आलेखन के संकलन, उनकरा ‘भोजपुरी साहित्य: हाल-फिलहाल’ नाँव के क़िताब में कइल गइल बा। एह क़िताब के महत्व एकरा में आलोचित कृति आ कृतिकार के, मौलिक नज़र से निरखला-परखला के वज़ह से त बड़ले बा, ई एहू से महत्वपूर्ण बा कि एह में कुछ विधा विशेष के फिलहाल के लेके स्वस्थ, यथार्थपूर्ण आ सारगर्भित बतकही कइल गइल बा। ई एक तरह से आलोचना आ इतिहास के युगलबंदी ह। आज के भोजपुरी साहित्य के प्रवीन अध्येता के रूप में बलभद्र के…

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