प्रेमी तोहरे सनेहिया के मारल हवे..2
नाहीं बिगड़ा ह तोहरे बिगारल हवे..2
आ॰1
तोहके अपनों से ज्यादा उ चाहत रहे…2
तोहरा से ओकरा जीनगी में राहत रहे..2
जननी ई सब त तोहार उतारल हवे…..
नाहीं बिगड़ा ह तोहरे बिगारल हवे..2
प्रेमी तोहरे सनेहिया के मारल हवे..2
आ॰2
अब सनेहिया के नमवा से डर हो गईल..2
चर्चा गउएं का संउसे शहर हो गईल..2
तिरछी नैना कटारी के फारल हवे…..
नाहीं बिगड़ा ह तोहरे बिगारल हवे..2
प्रेमी तोहरे सनेहिया के मारल हवे..2
आ॰3
पांडेय आनंद किस्मत में इहे लिखाईल..2
नीर नदिया में लागे सनेहिया पराईल..2
आज उजरल बा तोहरे सवांरल हवे…..
नाहीं बिगड़ा ह तोहरे बिगारल हवे..2
प्रेमी तोहरे सनेहिया के मारल हवे..2
– आनन्द कुमार पाण्डेय
बलिया उत्तर प्रदेश
मो॰ 9721106924