राम मेरे

अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में।

राम मेरे गलियन में, हो राम मेरे गलियन में।।

अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में।।

 

बरीस पाँच सौ बीतल बहरा

उहवाँ रहल दुसमन के पहरा

अब नइखे कुछो गुमनाम, राम मेरे गलियन में।

अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में।।

 

आपन घर अपनन के रगरा

बेगर बात में फानल झगरा

भइल ओकरो काम-तमाम, राम मेरे गलियन में।

अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में।।

 

छंटल तम भइल उजियारा

अजोधिया जी अब सभके प्यारा

अब सभही जपत सीरी राम, राम मेरे गलियन में।

अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में।।

 

अक्षत फूल से नेवता आइल

सभही आकुल सभ अगराइल

अब टह-टह प्रभु के धाम, राम मेरे गलियन में ।

अब गूँज रहल तेरो नाम, राम मेरे गलियन में।।

 

– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

03/01/2024

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