का हो मुखिया !

घूमत रहलें गल्ली-गल्ली देखत कहवाँ ऊंच-खाल बा। पूछलें रामचरितर उनुसे का हो मुखिया ! का हाल बा।   कवन नवकी घोषना भइल कतना फंड बा आइल रउरा घरे मुखियाइन त रहनी खूबै धधाइल। हमनी के ना कुछौ मयस्सर रउरा धइले खूब ताल बा। का हो मुखिया ! का हाल बा।   पर शौचालय बन्हल कमीसन मनरेगा बा लमहर मीसन एह घरी चलत बा जमके पूजा घर के उद्धारी सीजन । देवी देवतन के कामो में रउरा छनत खूब माल बा। का हो मुखिया ! का हाल बा।   पानी के…

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