पाती रचना मंच आ विश्व भोजपुरी सम्मेलन के अधिवेशन सम्पन्न

काल्ह दिनांक-16दिसम्बर2023के पाती रचना मंच आ विश्व भोजपुरी सम्मेलन के तत्वावधान में अधिवेशन सम्पन्न भइल जवना में ” पाती अक्षर सम्मान”, “भोजपुरी के बढत डेग” विषय पर विचार गोष्ठी आ काव्य गोष्ठी शामिल रहे। सर्व श्री दिनेश पाण्डेय ,शशि प्रेमदेव  आ शिवाजी पाण्डेय ‘रसराज’ जी के “पाती अक्षर सम्मान” से सम्मानित कइल गइल।  एकरा बाद “भोजपुरी के बढत डेग” विषय पर सर्व श्री प्रकाश उदय जी,प्रो0 सदानंद शाही, प्रो0 पी राज सिंह आदि द्वारा आपन – आपन विचार दिहल गइल। अल्पाहार के बाद कवि गोष्ठी सम्पन्न भइल जवना में डॉ…

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भोजपुरी साहित्य सरिता के संपादक जे पी द्विवेदी के भोजपुरी पत्रकारिता खातिर सम्मान मिलल।

16 दिसंबर | जमसेदपुर (झारखंड) में चल रहल  अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के 27 वें अधिवेसन में ‘भोजपुरी साहित्य सरिता’ पत्रिका के संपादन का चलते ‘पाण्डेय नर्वदेशवर सहाय’ सम्मान पत्रिका के संपादक जे पी द्विवेदी के  मिलल।ई सम्मान मंच से भोजपुरी साहित्य सरिता के सहायक संपादक  डॉ रजनी रंजन जी के अभाभोसास के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ ब्रजभूषण मिश्र आ मुख्य अतिथि डॉ सरिता बुद्धू जी प्रदान कइनी। एह सम्मान के मिलला पर भोजपुरी साहित्य सरिता के संपादक जे पी द्विवेदी अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के प्रति आपन आभार…

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धत्त मरदवा हाँले

इसक समंदर डूबि नहइला, धत्त मरदवा हाँले। का रहला आ का बनि गइला, धत्त मरदवा हाँले।।   ओझा सोखा पीर मौलवी, तहरे से माँगे पानी खबर नबीसन के खातिर तू, बनला अधिका ज्ञानी। नुक्कड़ नुक्कड़ तोही जपइला, धत्त मरदवा हाँले। का रहला आ——–   डगर नगर में सभै सुनावे, तहरे रामकहानी आगे आगे महा गुरुजी,पीछे से मधुरी बानी। पकड़ि पकड़ि के खूबै कुटइला, धत्त मरदवा हाँले। का रहला आ———   के के बेंचला के खरीदल, केहू जान न पावल कलुआ खातिर प्रान वायु ह, तहरे गुनवा गावल। मुसुकी मुसुकी घाहिल…

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