भइया जगला के हवे दरकार
मतदान त अधिकार हउवै॥2॥
अफवाहन के दूर हटा के
आपन बुद्दि विवेक जगा के
तहरा वोटS बनाई सरकार ,
मतदान त अधिकार हउवै॥ 2॥ भइया…
छोड़ के सगरे काम चलS के
लोकतंत्र के धाम चलS के
जइते होखी परब गुलजार,
मतदान त अधिकार हउवै॥ 2॥ भइया…
हित-मीत सबसे बतिया के
आस-पड़ोस सभै गोलिया के
देखिहा वोटवा न हो बैपार,
मतदान त अधिकार हउवै॥ 2॥ भइया…
- जयशंकर प्रसाद द्विवेदी