सुघर भूमि भारत

जहवाँ माई अँगने सुगना दुलारत

सुघर भूमि भारत।

 

तीन ओरियाँ सिंधु, एक ओर ह हिमालय

कन-कन में राम, गाँव-गाँव में शिवालय

उहवें के ऊंच भाल दुनियाँ निहारत

सुघर भूमि भारत।

 

मसजिद अजान, गुरुद्वारे गुरु बानी

चर्च में बा प्रार्थना, बनता कहानी

दुसुमन के दीठी पठावेला गारत

सुघर भूमि भारत।

 

भोरहीं से पवना के जहवाँ मलय राग

उहवें भेंटाला कामिनी के बिरह आग

सुघरई के कामदेव उहें उघारत

सुघर भूमि भारत।

 

गंगा जमुना नर्मदा अपने रवानी

उर्वर भूमि खातिर खूब देलीं पानी

अन्न उपजाई धरा सभे के तारत

सुघर भूमि भारत।

 

सिद्ध पीठ इहवें, इहें रिसिन क बास बा

बेद आ पुरानन से पसरल उजास बा

बहे ज्ञान गंगा सभ माथे ह धारत

सुघर भूमि भारत।

 

साहित्य सरिता बहेले खोरी खोरी

देस के खातिर बन्हल एके डोरी

रीति आ नीति सभे अब्बो सम्हारत

सुघर भूमि भारत।

 

शिक्षा तकनीकि में ज़ोर चहुंओरियाँ

चंद्रयान चहुंपल चंदा के भिरियाँ

बिनयवत जेपी हाथ जोरी पुकारत

सुघर भूमि भारत।

 

  • जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

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