के हो लिलरा पर छिरकल गुलाल बदरा उठल मनवां में केतनी सवाल बदरा। गइलें सुरूज़ देखS पछिम के देसवा बबुआ के दादी सुनावेली खिसवा लवटे लगलें मदरसा से लाल बदरा । के हो लिलरा पर छिरकल गुलाल बदरा। दफ़तरवा से लवटे लगलें नोकरिहा होखे लगल पनघट पनिहारिन से खलिहा नापे चरवहवा गइयन के चाल बदरा। के हो लिलरा पर छिरकल गुलाल बदरा। लवटेली चारा ले चोंच में चिरइया उगे लगलीं नभवा में छिटफुट तरइया माझी खोलेला नइया के पाल बदरा । के हो लिलरा पर छिरकल गुलाल…
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