सात गो गीत

सरस्वती वंदना शारदा भवानी दीप ज्ञान के जराई दऽ मन के दूआर से अन्हरिया भगाई दऽ गने गने मने मने बुद्धि आ विवेक दऽ धरम अनेक भले भाव सब के एक दऽ दूध पानी जस देशवासी रहें मिलि के एकता के पाठ लोगे लोग के पढ़ाई दऽ घावे घाव कइले बाते दुखवा दुधारी बितली उमिरिया विपत के दुआरी सोना पानी तबो माई दोसरा के भरिहऽ हमरा ला नेह के सितारवा बजाई दऽ धन से धनिक लोग मनवा से छोट हो देशवा के लुटतारे हियवा से खोट हो धनवा के धाह…

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कठकरेजी

राजबनी कुछ कसल-कसल। डोले झिर-झिर पुरवइया रे। भोरघुमंतू बूढ़ा-बूढ़ी सितिआइल सुकवार दूब पऽ दँवरी पारे। बगले में मनबढ़ मुस्टंडा एक सहस्सर डंड पेल के पाँखुर झारे। एक ओरि धुंधरात आँखि के फिकिर बाटे। गठिया से टभकत ठेहुना के जिकिर बाटे। डम्हकल आम टपकबे करिहें, केहू कही। कतिनो रँउदऽ दूब बूढ़ंगी होनी त होइए के रही। एने चढ़ल जवानी का जोमे अन्हरइले। रग में उफनल नया खून, उमकल फफनइले। दूध मतारी के पीअल से गाटा गही। काल कबो अझुरइहें लंगी परिहें चित्ते कुछ ना लही। बूझसि ना निरदइया रे। धांगत जासि…

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राजनीति बिख बोली

एकहुँ अवसर छोड़त नइखे कँउचावे के , बोल रहल बा बोली ; राजनीति बिख घोली । जइसे खेल भइल लइकन के , काट रहल बा चिउँटी । पुलु – लुलु अँउठा देखलावे अउरी झोंटा-झोंटी । जब – जब आपन मुँहवा खोली टुभुकत बोल कुबोली । राजनीति बिख घोली ।। पाथर जोड़ी बनल महल में रहत भइल जे पाथर । सत्ता सुख पावे भर नाता मन में बाटे ऑतर । जनता के खाली बा झोली , भरलस आपन खोली । राजनीति बिख घोली ।। खोट समाइल बा नीयत में समय आज…

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बरसे बदरिया

नन्‍हीं–सी गुड़िया के गोदिया उठवलैं लोरिया सुनाय नैन निदिया बलवलैं अँगले में झरैला दुलार हो बाबा मोर आवैं बखरिया॥ नेहिया की छँहियाँ में गुनवाँ सिख्‍वलैं बचपन से बड़पन उमिर ले पढ़वलैं नेहिया कै भरल भंडार हो बाबा मोर आवैं बखरिया॥ दुखवा उठाइ धरे सुखवा बिछउलैं हँसि हँसि के सबही के नेहिया लुटउलैं मोहिया भरल बा अपार हो बाबा मोर आवैं बखरिया॥ कविता के रस होला सँझिया बिहनवाँ गउवाँ के गितियन में बसैला परनवाँ गीतन से करैलें सिंगार हो बाबा मोर आवैं बखरिया॥ हरिराम द्विवेदी

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हम भोजपुरिया साहित्यकार बानी आ तू ……?

का जमाना आ गयो भाया , जेहर देखा ओहरे मचमच हो रहल बा । सभके त भोजपुरिया साहित्यकार कहाये के निसा कपारे चढ़ के तांडव क रहल बा । 56 इंची वाला एह लोगन देखते डेरा गइल बा , एही से दिल्ली छोड़ के गुजरात भागल बा । मने हेतना बड़का , जे केकरो सुनबे न करे । दुवरे बइठल भगेलुवा के बड़बड़ाइल सुनके सोझवे से गुजरत सोमारू के ना रह गइल , त उहो हाँ मे हाँ मिलावे ला उहवें ठाढ़ हो के बतकुचन मे अझुरा गइने । का…

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साठ बरिस के भइया

भउजी सोरह के बाड़ी आ साठ बरिस के भइया बाज के चोंच में देखीं अंटकल बिया एक गौरइया   भिखमंगा जी बेंच के बेटी, दारू पीके कहलें बाबू बड़ा ना भइया साला सबसे बड़ा रूपइया   “पराम्ब्यूलेटर” में घूमत बाड़े अब डैडी के सन ऊ का जनिहें का होला ई “पिठइयां अउर कन्हइया”   पूजा में भोंपू बाजत बा “दिल देबू कि ना हो” और बीच में जय जयकारा “जय सुरसती मइया”   मत पूछीं हमरा से कि हम कब से भटकत बानी हमरा त लागत बाटे इ जिनगी भूलभुलइया…

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भोजपुरी हमरे मन-प्रान में बसल हे

ऊ भारत के आपन मातृभूमि माने लीं अउर मॉरीशस के कर्मभूमि। अपने पुरखन के देस भारत से उनके एतना लगाव ह कि इँहा से वापिस मॉरीशस लवतट के बेरी अइसे आँख भरि-भरि हिरोहेलीं जइसे नइहर छोड़ के ससुरे जात होखं। मॉरीशस क सरनाम भोजपुरी गायिका हईं अउर अभिनय के क्षेत्र में भी उनके महारत हासिल ह।उछाह -उमंग से भरल -पूरल,उमिर के धकियावत -धकेलत, पीछे छोड़त ऊ भोजपुरिया समाज खातिर मिसाल हईं ,नाम ह हुसिला देवी रिसौल।इनके व्यक्तित्व क कई -कई गो पक्ष उजागर करे क एगो छोटहन परयास ह हुसिला…

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लोकमन आ लोकरंग के चतुर चितेरा भिखारी ठाकुर

लोकमन आ लोकरंग के चतुर चितेरा भिखारी ठाकुर आजुओ भोजपुरी के सबसे चर्चित व्यक्ति बाड़न. केहू उनके समय-संदर्भ के सर्वाधिक चर्चित नाटककार का रूप में, भोजपुरी के ‘शेक्सपियर’ मानल त केहू भोजपुरी भाषा-साहित्य के प्रचार-प्रसार खातिर ‘भारतेन्दु’ का नाँव से नवाजल. पुरबी राग के जनक महेन्दर मिसिर का बाद, बलुक उनहूँ ले ढेर भिखारी ठाकुर क नाँव चर्चा में रहल. साहित्य अकादमी उनके भारतीय साहित्य निर्माता का वर्ग में रेघरियावत “भिखारी ठाकुर” नाँव क ‘मोनोग्राफ’ प्रकाशित कइलस. भिखारी आखिरकार ई सिद्ध कइये दिहलन कि लोकप्रियता कवनो रचनाकार कलाकार के महान…

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मार देहला रजऊ

हिन्दी के कइला बेड़ा पार हो, भोजपुरिया के मार देहला रजऊ || मार देहला रजऊ हो मार देहला रजऊ, भोजपुरिया के मार देहला रजऊ ||   दिन दिन बढे अनुसूचिया से दुरिया ओही से घरवा में तलफे भोजपुरिया इज्जत भइल मोर उघार हो भोजपुरिया के मार देहला रजऊ।|   अटकन चटकन बहुत देखवला वादा के असरा दे खुबे भरमवला अब देवे के परी अधिकार हो भोजपुरिया के मार देहला रजऊ।|   होखे उजियार चलीं दियना जराई नेहिया के लेप से मनवा मिलाई मेटि जाई मन के अन्हार हो भोजपुरिया के…

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घेरी घेरी बरसे बदरिया

घेरी घेरी बरसे बदरिया बलम नौउकरिया से आई जा हो। बदरा अंगे अंग करेला ठिठोली मारे ला मुस्की बोलेला कुबोली घड़कन जगावे बुजुरिया बलम नौउकरिया से आई जा हो। चुअ ता ओरवन बह ताटे खोरी छुअत हवईया मोहै चोरी चोरी झाँकत घटा अँगनईया बलम नौउकरिया से आई जा हो। देवरा सतावे ला कजरा निहारी ननदी ठिठोली करै खींची सारी भभक ता मन कै डिबरिया बलम नौउकरिया से आई जा हो। केतना कहीं साँच का का बताईं हियरा बहै लोर कईसे देखाईं “योगी” सतावै पिरितिया बलम नौउकरिया से आई जा हो।…

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