नीक लागे नाहीं सावन क महीनवां ना। दिनवां धूप बरियार रतिया गरम बयार, बिस्तर भींजे तर तर चुवेला पसीनवां ना।।नीक0— नइखीं बदरा देखात लउके निर्मल आकाश, चंदा केलि करे पसरी गगनवां ना।।नीक0– बहे झोरि पुरवाई, रहिया धूर उधिराई, पानी बिना सून खेत ख़रिहनवां ना।।नीक0– आइल सावनी सोमार धूप बाटे बेशुमार, ब्रत मा सुखल जाला पानी बिनु परनवाँ ना।।नीक0— नाहीं कोइलर क शोर सपना दादुर पपिहा मोर, ओरिया चुवल नाही कबहुँ अगनवां ना।।नीक0— छाँह नइखे छतनार सूनी निमियाँ के डार, कतहुँ परे नाहीं बाग में झुलनवां ना।।नीक0— काशी कन कन में…
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बरहुआँ के श्री ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर
संसार मे अइसन कमे लोग होले, जेकरा हाथे नीमन काम होला, जवना से कीर्ति बढ़ेले। ईनार ,पोखरा, मंदिर, ईस्कूलन के बनवावल सभे के कल्यान खातिर होला।भगवान जेकरा हाथे ई सब करावल चाहेलन, उहे अइसन कुल्हि काम करे खाति अगराला। ओकरा जिनगी में ख्याति त मिलबे करेले, ओकर लोक आउर परलोको संवर जाला। धन- दउलत त ढेर लोगन के लग्गे होला, बाकिर अइसन कुल्हि कामन खातिर भुलाइयो के ना सोंच पावेला। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिला मे एगो चकिया तहसील बा। सुरम्य वनस्थली जहाँ प्रकृतिं मनोरम छटा बिखेर रहल बा,अइसने सुघर…
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