गजल

जादू बा सरकार , रउरी ऑखिन में,
डूबल बा संसार , रउरी ऑखिन में,
निरमल ताले कमल फुलाइल लागता,
लाल- लाल चटकार , रउरी ऑखिन में।
अमिय, हलाहल, मदिरा के प्याली हउवे,
जिअल, मुअल, मॅझधार , रउरी ऑखिन में।
उषा के लाली कि बारल दुइ दियरा,
जगमग जोति पथार , रउरी ऑखिन में।
सूरज, चंदा जोति जुगावे रउरे से,
अइसन बा उजियार , रउरी ऑखिन में।
छुरी, कटारी, तोप, मिसाइल, एटम बम,
गजबे बा हथियार , रउरी ऑखिन में।
बहत रहेला ऑसू अक्सर सुख दु:ख में,
काहे पानी खार , रउरी ऑखिन में।
  • संगीत सुभाष (सुभाष पाण्डेय)

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