बदरिया बरसे

आइल बा बरसात संवरिया बदरिया बरसे गाँवे गाँव।   धानन के खेतन में बाजे रुन झुन पाँवें पाँव। बदरिया बरसे…   झूमत झुरकल बा पुरवइया कउवो कांवे कांव। बदरिया बरसे…   बंसवरिया में बंसुरी के धुन चर मर छाँवे छाँव। बदरिया बरसे…   पीपर पात मगन मन डोले बदरो धूप आ छाँव। बदरिया बरसे…   साँझ सुहानी मनवा मोहे चुरमुन चांवे चांव। बदरिया बरसे…   मूल रचना- हीरा लाल द्विवेदी भोजपुरी भावानुवाद – जे पी द्विवेदी    

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अपनइत के गठन आ पहिल काव्य गोष्ठी सम्पन्न भइल

एक संकल्प,एक उद्देश्य, एक समर्पण अ एक सुखद प्रयास बा अपने माई भाषा भोजपुरी के मान मर्यादा, समृध्दि अ विकास बदे समर्पित संस्था बा । काल क दिन भोजपुरी अ भोजपुरियन बदे एक ऐतिहासिक दिन रहै काहे से कि काल्ह गाजियाबाद में भोजपुरी बदे समर्पित अ संकल्पित एक संस्था “अपनइत” क गठन गइल गयल जवने के पहिली बइठकी,अ गोष्ठी क मेज़बानी करैक सौभाग्य हमरा के अ हमरे परिवार के मिलल लेकिन एकर सूत्रधार अ रूपरेखा तइयार करै वाला जे बा ऊ भोजपुरियन बदे अ गाजियाबाद एन सी आर में रहै…

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आखर-आखर गीत’ के आवरण के ऑनलाइन लोकार्पण सम्पन्न भइल

भोजपुरी के लोकप्रिय रचनाकार जयशंकर प्रसाद द्विवेदी के  तीसरकी किताबि ‘आखर-आखर गीत’ के आवरण के ऑनलाइन लोकार्पण कई दिन पाछे ‘सर्व भाषा ट्रस्ट’ के आभासी मंच फेसबुक आउर यूट्यूब पर लाइव कइल गइल। कार्यक्रम के शुरूआत डा. रजनी रंजन के  सरस्वती वंदना से भइल । कार्यक्रम के अध्यक्षता सर्वभाषा ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री अशोक लव कइलें आ  मुख्य अतिथि सुभास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक श्रीवास्तव रहलें। कार्यक्रम का सफल आ प्रभावी संचालन डा. सुमन सिंह संपन्न कइली। मुख्य वक्ता का रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डा. मुन्ना…

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बगल में छुरी

आन्हर बहिर गरहो से गहिर पोतले चन्नन उजरे पहिर।   ओढ़ले कमरी लिहले गगरी बिष से भरल चललें डहरी।   कुछहू बोलत सगरों  डोलत सरम छोड़िके गठरी खोलत।   कुछ के बटलें सभके कहलें मुँह पर ढकनी बन्हले रहलें।   कउड़ा तपलें उलटा जपलें बाउर माहुर सोझहीं नपलें।   करमें भगलें धउरे लगलें हाथ जोरिके मफ़ियो मगलें। राखीं दूरी मिलें त थूरीं जिनके मुँह राम बगल में छुरी॥   डॉ जे पी द्विवेदी संपादक भोजपुरी साहित्य सरिता

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