माई

पेट जारि के जिअवलू आपन बखरा खिअवलू , करनी अइसन कइलू कभों बिसराई ना केहू माई तोर करजा भरि पाई ना केहू । बहुते बेमार परीं हमहूँ नन्हईयाँ जोहलू न केहुके उठवलू कन्हईयाँ कोसनऽ ले जाई जा के लेहलू दवाई गुन गवला से कतनो अघाई ना केहू माई तोर करजा– जड़वे त कोरवे में साटि लुकववलू भेवनी बिछवना ओहू के झुरववलू किरिया धरावे केहू ठोनहक मारे दुख सहलू जवन ऊ भुलाई ना केहू माई तोर करजा– झोंझरी में भूँजा दे के पढ़े के पठवलू रार ना मचाईं कतों किरिया धरवलू…

Read More

ग़ज़ल

प्यार नइखे गर जिया में, जिंदगानी डाँड़ बा । रौब झाड़े चढ़ उतानी, तब जवानी डाँड़ बा ।। लाज अउरी शान बाटे, आदमी में आब ही, बे-हायाई में मिलावल, यार पानी डाँड़ बा ।। दाग इज्ज़त में बिया, जिनके तनिक उनके बदे, लाल पीला या गुलाबी, रंग धानी डाँड़ बा ।। बाप आ भाई क पगिया, बोर दे जे चाल से, घर अँटारी में पलल, बिटिया सयानी डाँड़ बा ।। बाँट अँगना घर दुआरी, दुश्मनी भाई करें, आज बड़की गोतिनी, या देवरानी डाँड़ बा ।। शोर जवना घर मचे ना,…

Read More