आँखिन देखी —

गंवे गंवे भोजपुरी साहित्य के पठनीयता के मिथक टूट रहल बा,अइसन हम ना बजार कहि रहल बा। एकरा पाछे मुख्य कारण उपलब्धता आ विश्वसनीयता के मानल जा सकेला। डिजिटल युग एहमें अहम भूमिका निभा रहल बा। भोजपुरी के पुस्तक पहिलहूँ प्रकाशित होत रहनी स आ अजुवो प्रकाशित हो रहल बानी स। एह दिसाई साहित्यांगन आ सर्वभाषा प्रकाशन एगो मजगूत बड़ेर लेखा सोझा बाड़ें। पुस्तक मेला, जगह-जगह लागे वाला स्टाल भाषा के नेही-छोही लोगन के संगही दोसरो भाषा भासी लोगन के सोझा भोजपुरी के किताबन के उपलब्धता सुगमता से सुलभ करा…

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