पूरबी के कालजयी गीतन के लिखनिहार मने पूरबी के जनक, भोजपुरी के पहिलका महाकाव्य ‘अपूर्व रामायन’, प्रेम , विरह आ निरगुन गीतन के सिरजना करे वाला एगो अइसन मनई जे समाज आ देस के खातिर आपन सागरी जिनगी दाँव पर लगा देलस। जेकरा के आज भोजपुरी अस्मिता के प्रतीक का रूप में जानल- मानल जाला। बाकि ओकरा के ऊ अथान ना देहल जाला। बंगाल के सन्यासी विद्रोह के सहचर आ अंग्रेजन के राज क आर्थिक रूप से करिहाँय तूरे खातिर नोट छाप के सगरे सरकारी तंत्र के चूल्ह हिलावे वाले…
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