सद्य प्रकाशित आदरणीय अग्रज ‘मार्कन्डेय शारदेय’ जी के पौराणिक उपन्यास सर्वभाषा प्रकाशन से भोजपुरी साहित्य जगत के सोझा आइल ह। ई कृति शारदेय जी के जीवंत लेखनी से प्रत्याभूत त बड़ले बा, संगही उहाँ के एह कृति के भोजपुरी के पुरोधा पाण्डेय कपिल जी के समर्पित कइले बानी। जब कवनों पौराणिक कथा कहानी के उपन्यास विधा में पिरोवल जाला, त उ सोभाविक विस्तार लेत कबों यथार्थ के धरातल आ कबों काल्पनिक धरातल पर समभाव से आगु बढ़त देखाला। एह घरी के हिन्दू समाज के सभेले कमजोर नस मने ‘अपने…
Read More