आज हम बड़ा खूस बानी।पूछ काहे ???? हमरा गऊंआ में एगो बियाह बा।मलिकाइन कीहां…क दिन निमन से खईला भईल बा।अजुए राति ओही जा जाएम। पहिले से ना जाएम त ओहू जा बड़ा मारामारी बा।अधेसरा,नौलखिया,बटुलिया,सिकनरा..पहिलही से बोरा-झोरि ले के बईठल रहेले सन।सुने में आईल ह कि मछरी के भोज-भात बा।केतना मूड़ा पछिला बेर बिगाईल रहे।दू दिन मतारी बेटा खईनी सन।सरधवा त खईबे ना करेले।लागेले चिघरे-आई हो दादा!!कांट गड़ता। काल दोकाने कार करे ना जाएम।तनिको कुछू गबडा़एला बड़ा मारेलन सेठऊ।बाकिर उपाए का बा।हमार बाबू त कहियने ओरा गईले।दारू-ताड़ी पीयत पीयत टीबी उपटा…
Read MoreTag: डॉ शिप्रा मिश्रा पांडेय
अन्हरिया में अंजोरिया
केतना दिन जमाना के बाद आज ए पेड़ा से सुरसती के जाए के मउका मिलल बा।बगईचा के झिहिर-झिहिर बेयार बड़ा सोहावन लागत रहे।बरियारी गडि़वान के रोकवाए के मन रहे।बाकिर अन्हार हो जाइत त बाटे ना बुझाईत।लइकाई के सगरी बात मन परे लागल।अमवारी के झुलुआ..भईंस के सवारी..पतहर झोंक के मछरी पकावल..डडे़र पर के दउराई..गड़ही में गरई मछरी के पकडा़ई..पुअरा के पूंज पर के चढ़ाई..फेन धब-धब गिराई.. लरिकाईं के एकह गो बात मन के छापे लागल।उहो का दिन रहे।मन के राजा रहनी सन। जइसही बैलगाड़ी सतरोहन भईया के दुआरी पर चहुंपल रोअना-…
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