थमें ना लहरिया कइसे निकली बहरिया। लेवे ना किसनवन के केहू अब खबरिया।। आ○1 चुनउआ से पहिले वादा रहे बच बचाव के..2 अब जानी गइनी इ सब होता खाली नाव के..2 तकला पर आवे सगरो पनीये नजरिया…2 लेवे ना किसनवन के केहू अब खबरिया।। आ○2 मिले आश्वासन खाली होत नाही कुछ बा..2 नेता लोग के बतिया भईल कुकुर के पूंछ बा..2 डूब गईल पाक्का अउरी फूस के अटरिया..2 लेवे ना किसनवन के केहू अब खबरिया।। आ○3 बाढ जब आवे तबे होला रोज दौड़ा..2 जगह जगह नेता लोग के लउके जामौडा..2…
Read MoreTag: आनन्द कुमार पाण्डेय
घर घर में रावण बा
बनल आदमी आदमी के हीं मुश्किल। घर-घर में रावण बा मिले ना केहू संगदिल।। बनल आदमी………………………… आ○1 माई-बाप-भाई केहू लउकत ना खास बा..2 केहू के केहू पर ना तनिको विश्वास बा..2 गईल बा रुपइया देख सबका से हिल-मिल.. बनल आदमी………………………… आ○2 अखियां तरस गइल पावे ला सनेहिया..2 माटिए में मिल जाइ एक दिन इ देहिया..2 फिर काहें लोरवे से भरल रहे महफिल.. बनल आदमी………………………… आ○3 पाण्डेय आनंद से ना आगे लिखात बा..2 दानव बनल इहवा मानुष के जात बा..2 घुट-घुट के मरे नेक लोग इहवा तिल-तिल..2 बनल आदमी………………………… आनन्द कुमार…
Read Moreतोहरे बिगारल हवे
प्रेमी तोहरे सनेहिया के मारल हवे..2 नाहीं बिगड़ा ह तोहरे बिगारल हवे..2 आ॰1 तोहके अपनों से ज्यादा उ चाहत रहे…2 तोहरा से ओकरा जीनगी में राहत रहे..2 जननी ई सब त तोहार उतारल हवे….. नाहीं बिगड़ा ह तोहरे बिगारल हवे..2 प्रेमी तोहरे सनेहिया के मारल हवे..2 आ॰2 अब सनेहिया के नमवा से डर हो गईल..2 चर्चा गउएं का संउसे शहर हो गईल..2 तिरछी नैना कटारी के फारल हवे….. नाहीं बिगड़ा ह तोहरे बिगारल हवे..2 प्रेमी तोहरे सनेहिया के मारल हवे..2 आ॰3 पांडेय आनंद किस्मत में इहे लिखाईल..2 नीर नदिया में…
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