देखल जा खूब ठेलम ठेल रहे इहाँ जब छोटकी रेल चढ़े लोग जत्था के जत्था छूटे सगरी देहि के बत्था चेन पुलिग के रहे जमाना रुके ट्रेन तब कहाँ कहाँ ना डब्बा डब्बा लोगवा धावे टिकट कहाँ केहू कटवावे कटवावे उ होई महाने बाकी सब के रामे जाने जँगला से सइकिल लटका के बइठे लोग छते पर जा के अरे बाप रे देखनी लीला चढ़ऽल रहे उ ले के पीला छतवे पर कुछ लोग पटा के चलत रहे केहू अङ्हुआ के छतवे पर के उ चढ़वैइया साइत बारे के पढ़वइया…
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