रोपनी गीत

खुश भईले इनर देवता आईल मनसून घरे नेवता अब बरसल खूब पनिया, चलऽचलऽ करे रोपनिया ना– —- मेध बरसे झमर-झमर चमके बिजुरिया , झामुर-झुमुर बियवा उखाड़े बियड़रिया, पसिनवा सुखावे हो तिरछी बेयरिया — चलऽचलऽ करे रोपनिया ना —– पियर-पियर बेंगवा के टर्र-टर्र स्वर लहरिया, केंकड़ा के झुण्ड देखीं अरिया-कगरिया, बकुला खोजन लागे डेड़िया मछरिया — चलऽचलऽ करे रोपनिया ना ——— सिर पर छोपी नाहीं घरे छूटल छातावा, घामो उगे, पानी परे सियरा के बिआहवा, छप-छप लईकन नहाए ओरिअनिया —– चलऽचलऽ करे रोपनिया ना– —! Surendra Prasad Giri

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