हमार टोला

घरे-घर पालेलें सपोला, हमार टोला। सभही बनेला रामबोला, हमार टोला॥   चर-चेरउरी से बतिया बनावेला आगु-पाछा घूमि उनुका पटावेला कतहूँ उठवले फिरे झोला, हमार टोला ॥   जोरत गाँठत सुतार  जोगावेला चन्नन छिरकी जगहियो गमकावेला ओहमें मिलवले बिसगोला,हमार टोला॥   बीने-बरावे में बखत खपावेला आपन अपने के कुल्हि चमकावेला निकसेला बइठी के डोला,हमार टोला॥   जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

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