बकरिया रे

बकरिया रे तोर महिमा बा भारी गुन गावे खूबे संविधान सरकारी ! दुधवा जे पियेला उ बनेला महातमा दुनिया कहेला महामानव देवातमा आजु होला पठरुन के बलि बरियारी ! तोरे से आ तोरे खातिर तोरे लोकतंतर ज्ञानी जन दिने राति जपे इहे मंतर बाकिर तोरा घरवा के देवेलन उजारी ! तहरे के बेचि कीनि चले दुकनदारी दूहि गारि लेवे नीके देवे दुतकारी काहें टुकुर टुकुर ताकि बनेलू बेचारी ! तहरा के दूहे सभ केहू पारापारी तबहूँ ना जिनगी के सधे देनदारी लोहू पीये मास चाभे बने अवतारी ! सभ अनमोल…

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गीत

खेतवा जोतात बा फरहरी बरिसत केनियो ना बदरी लागsता सुखार परी अबरी करजा कँपावताटे हड़री ! गरजत तड़पत कबो कबो आवत चमकत दमकत भागताटे धावत घामावा उगत बाटे चमवा जरावत सुबहे में लागsता दुपहरी ! ट्रेक्टर रोटोबेटर खेतवन के जोते घास पात साफ करे मटिये में गोते पूख असरेषावा प असरा बा लागल लगिहें लेवाड़ तबे सगरी ! सगरो सुनाता बाढ़ कइले बा तबाही शहर पहाड़ प मचल धावाधाही धनवा रोपेके जहाँ ताव बाटे बिगड़त ताके आसमान गाँव नगरी ! असरा उमेद प बीतल सँउसे जिनगी करजे आभाव में मिलल…

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गीत

माई-बाबू से ना बढ़ि के देवता पितर हवें हो इहे हवें सोना चानी ऊ त पीतर हवें हो ! माई के अँचरा सरगवा के सुखवा बबुआ खातिर ऊ सहेली सभ दुखवा सभ तिरिथन से बढ़ि के पवित्तर हवें हो ! बाबूजी त सपनो में राखेलें आकाश में सुखवा जुटावे सभ भुखियो पियास में इहे देलें छत्तरछाया ऊ त भीतर हवें हो ! धरती से बढ़ि के ह माई के धीरज बाबूजी चाहेलें बबुआ बने हमार नीरज ईहे जिनिगी के दाता ईहे मित्तर हवें हो ! देवता ई अइसन कि कुछुओ…

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