बहत हर आदमी धारा में लेकिन किनारा पा सकल ना आज तक भी , सहारा अब कहां पाईं, भेटाई इशारा कर रहल इतिहास तक भी । खुदी के हाथ पर विसवास राखी ओही के आखिरी पतवार बुझी। नदी के लाश बेहतर बा गुरूजी। नदी के लाश,,,,,,,,, । नियम कानून कऊनो ना बनल ह कि कऊने रास्ता से केई जाई , उहा दरबान भी मिलीहे न तोहके कि बढ़ी के बोल दे एहरे से आईं । तोहार इमान ही बलवान ओहिजा भरल जिनगी जवन तोहसे अबुझी, नदी के लाश बेहतर…
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गीत
मुदित मगन मन देखे बलजोरी , खेलतारे राम राजा सिया संग होरी। नगर अयोध्या झूमे झूमे त्रिभुवन हो , झूमे कैलाश शिव शक्ति के गन हो । राधा मगन कान्हा गोकुला के गोरी , खेलतारे राम राजा सिया संग होरी । ब्रह्मा जी झुमे लेके नारद के संग हो , विणा बजावे माई शारदा मगन हो । विष्णु मगन बनी लचकत छोरी , खेलतारे राम राजा सिया संग होरी ॥ उडे गुलाल बा रगांईल अंगे अंग हो , धरती रंगाईल बा रंगाईल गगन हो । साधु संयासी…
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