जेब कट गइल थाने में

एक दिन गइली रपट लिखावे , घबड़ाइल कुछ माने में । का बतलाईं ये भइया मोर जेब कट गइल थाने में । मुंशी अउर दीवान भी रहलन , थाना के परधान भी रहलन । दु एक लोग महान भी रहलन,कुछ मुजलिम मेहमान भी रहलन आँख मुदाइल भागल अइलीं , गइलीं चाय दुकाने में । का बतलाईं ये भइया मोर जेब कट गइल थाने में । रह गइलीं बुड़त उतिरात , कहीं त कहले बिगड़े बात । देखते देखत अस उत्पात , ओरी क पानी बड़ेरी प जात । चाय पियइलीं…

Read More