राजनीति कै इहै पहाड़ा

बता के पड़िया बांटा पाड़ा राजनीति कै इहै पहाड़ा जनता खातिर थूकल बीया अपने सोगहग भखा छोहाड़ा। बिना कमीशन बने न कुच्छौ शौचालय गऊशाला एकौ तन गयल आपन तल्ला तल्ला कोई बितावै नंगे जाड़ा। पईसा कहाँ गयल सरकारी के घुमत हव बईठ सफारी राजतन्त्र भी लज्जित बाटै बाजत दुअरे देख नगाड़ा। ब्लाक बीडीओ अउर सेकेटरी परधाने संग काटैं गठरी ठठरी लउकत लोकतंत्र कै बिन बोकला जस लगै सिंघाड़ा। मुँह में राम बगल छुरी लेके वोट बनावा दूरी का करबा अब हाल जान के जान पड़त अस मरलस माड़ा। बड़हन कुरता…

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