गउए हई

गउए   हई   सास, छोड़स   ना  रास । सिधा देस जोख के सबसे पहिले  खास ।   ससुरो     अलबेला, करस  ना   झमेला । घरनी     से    पूछी, कदमवा     उठेला ।   मरद     भकलोल, बुझाय  ना  झोल। माई के  देखते  त् सिआ जाले  लोल ।   कस के लंगोटा, धईनी    झोंटा । बिग देली  परेह, देहनी दू  सोटा ।   संगहीं    खटेली, पंजरो    सटेली । कतनो    हटाईं, तबो  ना  हटेली ।   खींस बा खलास, ससुरो  मुस्कास । मरदो का  चानी, भइली अब दास ।   बुझऽ जनी भकोल, लेइ बेटा के  मोल…

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