पहिले-पहिल जब वोट मांगे अइले

पहिले-पहिल जब वोट मांगे अइले तोहके खेतवा दिअइबो ओमें फसली उगइबो । बजडा के रोटिया देई-देई नुनवा सोचलीं कि अब त बदली कनुनवा । अब जमीनदरवा के पनही न सहबो, अब ना अकारथ बहे पाई खूनवा ।   दुसरे चुनउवा में जब उपरैलें त बोले लगले ना तोहके कुँइयाँ खोनइबो सब पियसिया मेटैबो ईहवा से उड़ी- उड़ी ऊंहा जब गैलें सोंचलीं ईहवा के बतिया भुलैले हमनी के धीरे से जो मनवा परैलीं जोर से कनुनिया-कनुनिया चिलैंले ।   तीसरे चुनउवा में चेहरा देखवलें त बोले लगले ना तोहके महल उठैबो…

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