गजल

सहते सहते सहार हो जाई दुखवा बढ़ि के पार हो जाई   तनी साजल करीं तरीका से ई जवानी उलार हो जाई   छोड़s रहे दs बतिया जाय दs ना तs दुनिया जितार हो जाई   छोड़s नफरत के ,प्यार का राहे सभे केहू तोहार हो जाई   तनी माटी नरम तू होखे द s सारा दुनिया से प्यार हो जाई   सहजे-सहजे केहू से मिलs तू ना तs मिललो बेकार हो जाई   ◆◆◆   कारीअंखिया में कजरा के धार सजनी चले छतिया पर हमरे कटार सजनी   दूनू…

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