हम नगर निगम बोलतानी

रात क मुरगा दिनही दारू लड़ी चुनाव अब मेहरारू काम धाम करिहें ना कल्लू मुँह का देखत हउवा मल्लू। जनता खातिर गंदा पानी हम नगर निगम बोलतानी।   साफ सफाई  हवा हवाई चिक्कन होखब चाप मलाई के के खाई, का का खाई इहो बतिया हम बतलाईं। जनता के भरमाई  घानी हम नगर निगम बोलतानी।   सड़क चलीं झुलुआ झूलीं दरद मानी भीतरें घूलीं गली मोहल्ला अंधा कूप दिन में खूबै सेंकी धूप जनता के सुनाईं  कहानी हम नगर निगम बोलतानी।   अब वादा पर वादा बाटै कुछ दिन जनता के…

Read More