नेता काका

नेता काका के असली नाव हमरो पता नइखे पर गाँव-जवार,हित-नात सब केहू उनके नेते-नेते कइले रही….हँ कुछ लोग उनके दरबरियो कहेला। दरअसल एक बेर के बाति ह की चुनाव में नेता काका राजमंगल पाणे के परचार करत रहने। ओ ही बीचे उ एक बेर कवनो अउर नेता के परचार में देखि लेहल गइने। अब ए में नेता काका के कवन दोस बा, उ केहू के मनो त ना क सकेने। अब जब राजमंगल पाणे के इ बाति मालूम चलल त उ नेता काका के बोलववे अउर कहने की ए दरबारी असली नेता तूँ ही…

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