भोजपुरी के हिरामन गोलोक वासी भइलें

ख्यातिप्राप्त वयोवृद्ध कवि आ साहित्यकार पंडित हरिराम द्विवेदी जी अब हमनी का बीच नइखी । सोमार के उहां के अपना महमूरगंज मोती झील स्थित आवास पर अन्तिम सांस लिहनी। पंडित हरिराम द्विवेदी पिछिला आठ महिना ले गंभीर रूप से अस्वस्थ चलत रही। मूल रूप से मिर्जापुर के शेरवा गांव निवासी पंडित हरिराम द्विवेदी जी के जनम 12 मार्च 1936 के भइल रहे। पंडित हरिराम द्विवेदी आकाशवाणी के लोकप्रिय कवि रहले।उहा के एगो कुशल मंच संचालक भी रही। पंडित हरिराम द्विवेदी जी के साहित्य अकादमी भाषा सम्मान, राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार (उत्तर…

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लोकजीवन मे रचल-बसल अघोर पंथ के मरम- रमता जोगी

लोकजीवन आउर लोक संस्कृति के कतौ जब बात होखे लागेला, त चाहे-अनचाहे लोककवि लोगन के भुलाइल संभव ना हो पवेला।भोजपुरिया जगत मे अनगिनत लोककवि भइल बाड़ें, जेकर कहल-सुनल गीत-कविता लोककंठ मे रचल-बसल बाटे। पीढ़ी दर पीढ़ी चलल आवत संस्कार गीत एही के उदाहरण बाड़ी सन। भोजपुरिया समाज मे एह घरी लोककवि के बात करल जाव त कुछ नाँव तेजी से सोझा उपरि आवेलन। अइसने एगो नाँव पं. हरिराम द्विवेदी जी के बाटे। आजु के समय के जीयत-जागत, बोलत-बतियावत,सबके दुख से दुखी आउर दोसरा के सुख मे आपन सुख महसूसे वाला…

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