डॉ. ब्रजभूषण मिश्र होखिहें अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के सत्ताइसवाँ राष्ट्रीय अध्यक्ष

जमशेदपुर। अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन, बिहार के राष्ट्रीय प्रवर समिति आ कार्य समिति के 24 सितम्बर, 2023 के ‘ तुलसी भवन ‘ जमशेदपुर ( झारखंड ) में भइल अत्यंत महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक में निर्णय लिहल गइल कि भोजपुरी-हिन्दी के जानल-मानल साहित्यकार आ समीक्षक डॉ. ब्रजभूषण मिश्र सम्मेलन के सत्ताईसवां राष्ट्रीय अध्यक्ष होइहें। सम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री प्रो. (डॉ.) जयकान्त सिंह ‘ जय ‘ बतवलें कि सत्तर के दशक से भोजपुरी भाषा, समाज, संस्कृति, साहित्य आ शिक्षा के निर्माण, उत्थान आउर वैश्विक पहचान खातिर लगातार सुव्यवस्थित पद्धति से काम करे…

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बिला रहल थाती के संवारत एगो यथार्थ परक कविता संग्रह “खरकत जमीन बजरत आसमान “

मनईन के समाज आउर समय के चाल के संगे- संगे  कवि मन के भाव , पीड़ा , अवसाद आउर क्रोध के जब शब्दन मे बान्हेला , त उहे कविता बन जाला । आजु के समय मे जहवाँ दूनों बेरा के खइका जोगाड़ल पहाड़ भइल बा , उहवें साहित्य के रचल , उहो भोजपुरी साहित्य के ,बुझीं  लोहा के रहिला के दांते से तूरे के लमहर कोशिस बा । जवने भोजपुरी भाषा के तथाकथित बुद्धिजीवी लोग सुनल भा बोलल ना चाहेला , उहवें  भोजपुरी  के कवि / लेखक के देखल ,…

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प्रगतिशीलता के नाँव पर

भाषा सब अइसन भोजपुरी साहित्य में बेसी कविते लिखल जा रहल बा. दोसर-दोसर विधा में लिखे वाला लोग में शायदे केहू अइसन होई, जे कविता ना लिखत होई. एही से कविता के जरिये भोजपुरी में साहित्य लेखन के दशा-दिशा, प्रवृति-प्रकृति के जानल-समझल जा सकत बा. साहित्य आ साहित्य के शक्ति के बारे में एगो श्लोक भरतमुनि कहले बाड़े – नरत्वं दुर्लभं लोके विद्वत्वं तत्र दुर्लभम्. कवित्वं दुर्लभं तत्र शक्तित्वं तत्र दुर्लभाः . कविता आ काव्य शक्ति के जे हाल होखे भोजपुरी में कवि आ लेखक के भरमार बा. एही भरमार…

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