बलम परधानी लड़ाके

खा गइल बचल – खुचल पानी बलम परधानी लड़ाके। एक भइल संझिया बिहानी बलम परधानी लड़ाके।। नइहर से अइनी त दुल्हिन कहइनी भुइयां ना डेग हम दुउरे में धइनी । आज सँउसे गँउवे के रानी बलम परधानी लड़ाके…. कहेला लोग दिन तिरिया के आइल मरद – मेहरारु बराबर कहाइल। अब तु ही अगोरिहs चुल्हानी बलम परधानी लड़ाके… खा गइल बचल – खुचल पानी बलम परधानी लड़ाके… भसुरा आ देवरा बराबर बुझाला ओटवा बड़ावे ऊ संघे – संघे जाला। अगराइल पेन्ट – मरदानी बलम परधानी लड़ाके…. खा गइल बचल – खुचल…

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