गीत

सपना मे सुध–बुध के खेती अंगे-अंग कचनार । सखी रे, अइसन होला प्यार ।   लैला-मजनू हीर के देख प्रेम मे पसरल पीर के देख राधा के पायल के धुन पर मुरली के तस्वीर के देख श्रवण के कांधे के बहँगी जगत भइल उजियार । सखी रे, अइसन होला प्यार ।   लक्ष्मण,राम,भरत सम भाई दुर्दिन मे जे साथ निभाई भूखा रहके भाग्य जगावे अइसन जग मे चाही भाई । जब भाई के प्रेम कथा सुन छलके लोरन के धार । सखी रे, अइसन होला प्यार ।   यमुना तट…

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