सात गो गीत

सरस्वती वंदना शारदा भवानी दीप ज्ञान के जराई दऽ मन के दूआर से अन्हरिया भगाई दऽ गने गने मने मने बुद्धि आ विवेक दऽ धरम अनेक भले भाव सब के एक दऽ दूध पानी जस देशवासी रहें मिलि के एकता के पाठ लोगे लोग के पढ़ाई दऽ घावे घाव कइले बाते दुखवा दुधारी बितली उमिरिया विपत के दुआरी सोना पानी तबो माई दोसरा के भरिहऽ हमरा ला नेह के सितारवा बजाई दऽ धन से धनिक लोग मनवा से छोट हो देशवा के लुटतारे हियवा से खोट हो धनवा के धाह…

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