घर घर में रावण बा

बनल आदमी आदमी के हीं मुश्किल।
घर-घर में रावण बा मिले ना केहू संगदिल।।
बनल आदमी…………………………
आ○1
माई-बाप-भाई केहू लउकत ना खास बा..2
केहू के केहू पर ना तनिको विश्वास बा..2
गईल बा रुपइया देख सबका से हिल-मिल..
बनल आदमी…………………………
आ○2
अखियां तरस गइल पावे ला सनेहिया..2
माटिए में मिल जाइ एक दिन इ देहिया..2
फिर काहें लोरवे से भरल रहे महफिल..
बनल आदमी…………………………
आ○3
पाण्डेय आनंद से ना आगे लिखात बा..2
दानव बनल इहवा मानुष के जात बा..2
घुट-घुट के मरे नेक लोग इहवा तिल-तिल..2
बनल आदमी…………………………

आनन्द कुमार पाण्डेय
बलिया ,उत्तर प्रदेश
मो. 9454261955

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