रोपनी गीत

खुश भईले इनर देवता
आईल मनसून घरे नेवता
अब बरसल खूब पनिया,
चलऽचलऽ करे रोपनिया ना– —-
मेध बरसे झमर-झमर
चमके बिजुरिया ,
झामुर-झुमुर बियवा
उखाड़े बियड़रिया,
पसिनवा सुखावे हो तिरछी बेयरिया —
चलऽचलऽ करे रोपनिया ना —–
पियर-पियर बेंगवा के
टर्र-टर्र स्वर लहरिया,
केंकड़ा के झुण्ड देखीं
अरिया-कगरिया,
बकुला खोजन लागे डेड़िया मछरिया —
चलऽचलऽ करे रोपनिया ना ———
सिर पर छोपी नाहीं
घरे छूटल छातावा,
घामो उगे, पानी परे
सियरा के बिआहवा,
छप-छप लईकन नहाए ओरिअनिया —–
चलऽचलऽ करे रोपनिया ना– —!

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